2013
यूँ तो हज़ार मिलते है ज़िन्दगी की रह मे हर रोज़,
पर वो एक ही है जिस पर आखें थम सी जाती है
जिनको को मिलकर अजनबी सा महसूस नहीं होता
ऐसे ही होते है वो लोग जो दुनिया की भीड़ मिलते है
और आगे का रास्ता खुशनुमा बना देते है
कहते है कुछ लोग सपनो की
आकिर्ति का वास्तविता से नाता नहीं होता
अरे मै कहता हूँ की दिल की गहराईयों से सोचो तो ज़रा
कोई भी काम ऐसा नहीं होता जो पूरा नहीं होता
अभिषेक भटनागर
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पर वो एक ही है जिस पर आखें थम सी जाती है
जिनको को मिलकर अजनबी सा महसूस नहीं होता
ऐसे ही होते है वो लोग जो दुनिया की भीड़ मिलते है
और आगे का रास्ता खुशनुमा बना देते है
कहते है कुछ लोग सपनो की
आकिर्ति का वास्तविता से नाता नहीं होता
अरे मै कहता हूँ की दिल की गहराईयों से सोचो तो ज़रा
कोई भी काम ऐसा नहीं होता जो पूरा नहीं होता
अभिषेक भटनागर
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फिर वक़्त वही ले आया है
जिस मोड़ से चले थे हम ,
तुम भी चले हम भी चले
पर मजिल तक कोई न पंहुचा
आओ साथ मिलकर पूरा करे यह सफ़र
न तुम हरो न हम हारे
जुदा हो मुझसे फिर भी कुछ है
जो जोड़ता है मुझसे
प्यार न सही नफरत ही सही
पर राबता रखते हो मुजसे
यूँ चुप-२ के आना छोड़ दो
बहुत हुआ अब सताना छोड़ दो
अभिषेक भटनागर
मुरादाबाद
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जिस मोड़ से चले थे हम ,
तुम भी चले हम भी चले
पर मजिल तक कोई न पंहुचा
आओ साथ मिलकर पूरा करे यह सफ़र
न तुम हरो न हम हारे
जुदा हो मुझसे फिर भी कुछ है
जो जोड़ता है मुझसे
प्यार न सही नफरत ही सही
पर राबता रखते हो मुजसे
यूँ चुप-२ के आना छोड़ दो
बहुत हुआ अब सताना छोड़ दो
अभिषेक भटनागर
मुरादाबाद
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ना जाने मेरे साथ ही ऐसा क्यों होता है
जिसे भी चाहता हूँ वो ही नज़रो से दूर होता है
सब के गमो मे साथ दिया मैने
अंधेरो को उजालो मे बदल दिया मैने
डरी सहमी सी तुम सहारा दिया मैने
इम्तिहान तुम्हारा था चिंतन किया मैने
बहुत कुछ खोकर तुमको पाया है मैने
प्यार क्या होता है यह तुमसे सीका है मैने
ना जाओ इतना दूर की तुमको लोटना मुश्किल हो जाये
और इतना दर्द मत सहो की जीना मुश्किल हो जाये
अभिषेक भटनागर ‘मुरादाबादी’
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जिसे भी चाहता हूँ वो ही नज़रो से दूर होता है
सब के गमो मे साथ दिया मैने
अंधेरो को उजालो मे बदल दिया मैने
डरी सहमी सी तुम सहारा दिया मैने
इम्तिहान तुम्हारा था चिंतन किया मैने
बहुत कुछ खोकर तुमको पाया है मैने
प्यार क्या होता है यह तुमसे सीका है मैने
ना जाओ इतना दूर की तुमको लोटना मुश्किल हो जाये
और इतना दर्द मत सहो की जीना मुश्किल हो जाये
अभिषेक भटनागर ‘मुरादाबादी’
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ना जाने लोग अक्सर ,
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मुझसे नाराज़ हो जाया करते है
मै तो सिर्फ अपनी बात कहता हूँ
अर्थ वो खुद ही निकल लिया करते है
दिल की बात छुपाना
मुझको नहीं आता है
यूँ ही चुपचप रहना
मुझको नहीं आता है
मेरी किसी बात
का बुरा लगे तो बताना दोस्तों
क्योंकी घुट घुट के जीना
मुझको नहीं आता है दोस्तों
मै बुरा नहीं हूँ पर
कभी -2 समझाना मुश्किल होता है दोस्तों
तुम सब मेरे हो
मेरी आँखों को भी पद लिया करो दोस्तों
ना जाने लोग अक्सर ,
मुझसे नाराज़ हो जाया करते है
मै तो सिर्फ अपनी बात कहता हूँ
अर्थ वो खुद ही निकल लिया करते है
अभिषेक भटनागर
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