May 2012

हर पल तुम्हारा इंतज़ार सा रहता है
तुम को  पाने का अहसास सा रहता है
खफा ना हो जाओ इसलिए खामोश रहता हूँ
कभी समझो मुझको मै कितना तन्हा रहता हूँ
तरस  आता  है तुम्हारी अक्ल पर मुझको
अपनों मे रहकर  अपनों को ही नहीं पहचान पाई


कुछ देर ठहर कर सपने देखने लगा मै
खुश था बहुत मै मुझको भी अपना कोई पहली बार मिला था
प्यार क्या होता है यह उसने बताया था उसने
जीवन के हर कदम पर साथ निभाया था उसने
फिर एक दिन अजीब सी हवा चली
टूट गए सारे सपने मेरे
छुट गए मेरे सारे अपने
कहते है सब मुझसे की नयी शुरुवात कर
ज़िन्दगी से फिर मुलाकात कर
पर यह शायद मेरे बस मे नहीं है
कोई नहीं है मेरे पास आज जिसके कंधे  पर जाकर रो साकू
हाँ शायद मुझको भी अब कंधेओ की ज़रूरत है ,
ना शिकवा किसी से ना शिकायत है अब
खामोश रहना आदत है अब

अकेला ही चला था मै पर राह मे कोई अपना सा लगा


--








सत्यमेव जयते
आज बहुत दिनों कुछ ऐसा देखने को मिला जिस देखकर बहुत ही अजीब सी फीलिंग हो रही है समझ नहीं रहा की आमिर सर को थैंक्स कहू की उन्होने कुछ सच सामने रखा उस के बारे मै सिर्फ अकबरो मे पढ़ा था लेकिन उसमे इतनी वहैशत होगी देखकर और सुनकर ही डर सा लगता है | कहते है माता पिता अपनी औलाद के लिए सब कुछ करते है , लेकिन ऐसे लोगो देखकर हैरत मै पड़ गया हूँ , लड़का लड़की मै फर्क करना कहाँ तक सही है , आज कल दोनों को सामान तर्जा मिला हुआ है फिर भी ऐसी कोरितियाँ समाज मे मे पनप रही है | कभी दहेज़ के लिए , कभी बेटे की चाहत या कोई और कारण हमेशा घर की लक्ष्मी को ही क्यों भुगतना पड़ता है , यह देखकर और हैरत मे पड़ जाता हूँ की औरत ही औरत की दुश्मन बन बैठी है , ७० % केसों मे देखा गया है बेटे को उकसाने वाली उस की माँ या कहो  सासू माँ होती है |


कैसे कोई अपने   अपनी औलाद को मार सकता है वो भी जिस को उस ने देखा भी नहीं है | अरे अक्ल के दुश्मनों कुछ तो सोचों अगर लड़की ही नहीं होगी तो माँ , बहन , बुआ किस को बुलओओगे | राजस्थान के बारे मे सुनकर थोडा से हेरान हुआ वहां ऐसा होता है वैसे यह सिर्फ एक प्रदेश की बात नहीं है यह क्प्काम  पुरे देश मे है | कुछ लाचारी हमारे सिस्टम मे भी है दुराचारियो को सजा देने मे इतना टाइम लग जाता है तब तक बहुत  देर हो चुकी होती है | मेरी निजी राय मे ऐसे लोगो वैसे ही सजा देनी चाहिए जैसी सजा हम  कत्ल की देते है | कुछ ना कुछ करना होगा तभी कुछ होगा नहीं तो यह मौत का बिज़नस करने वाले देश को भी एक दिन नीलम कर देगे ... आगे बड़ो और विरोद करो |

अभिषेक भटनागर
मुरादाबाद