छोटी सी है थोड़ी मोटी सी है ,जो भी मेरी अपनी सी है
रोती है बच्चो की तरह ,मुस्क्रुरती है गुडिया की तरह

सब कुछ सह जाती है उफ़ भी नहीं करती
सहनशक्ति  और सहजता  की मूरत हो तुम 

याद वो रखो जो तुमको खुशयां दे
भुला दो सब गम नयी शुरुवात करो

दुआ है मेरी तुम हमेशा ऐसे ही खिलखिलाती रहो
दमन मै तुम्हारे हजारो खुशयां हो
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abhishek

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