हाँ आज कल अकेला महसूस करता हूँ
अंधेरो से दोस्ती की है मैने ,
जो दम भर्ती थे साथ निभाने का वो भी चले गए है ,
रह गया अपनी छोटी सी जान लेकर इस जमाने मे ,
हाँ आज कल अकेला महसूस करता हूँ
बुरा मान गए मेरी एक छोटी सी बात का ,
पर वो ना कहता तो मार ही जाता शायद ,
हूँ इंतज़ार मे कुछ तो जबाब आएगा पर ,
हाँ आज कल अकेला महसूस करता हूँ
आज कुछ हसियत नहीं है मेरी ,
फिर भी असमान को चुने की हिम्मत रखता हूँ ,
है उम्मीद एक दिन अपनी मंजिल पा जाऊंगा पर,
हाँ आज कल अकेला महसूस करता हूँ
पता नहीं लिखने वाले ने क्या लिखा है किस्मत मे ,
कुछ सही नहीं होता या कहो सही से नहीं होता ,
शायद किस्मत को कोसने से कुछ नहीं होगा कमी मेरे अन्दर ही है पर
हाँ आज कल अकेला महसूस करता हूँ
अब तो सब छोड़ दिया भगवन बरोसे ,
उस ने ही यह दिन दिखाय है ,
वो ही कोई रास्ता देगा पर
हाँ आज कल अकेला महसूस करता हूँ
साथ चाहता हूँ उसका अगर मिल जाये ,
तो शायद मेरी दुनिया बदल जाये ,
पर शायद मेरी ऐसे किस्मत कहाँ ,
हाँ आज कल अकेला महसूस करता हूँ
देखते है कब तक इम्तान होगा हमारा ,
कभी ना कभी तो कोई नतीजा आएगा ,
रहेगा उस दिन का इंतज़ार पर
हाँ आज कल अकेला महसूस करता हूँ
Share To:

abhishek

Post A Comment:

0 comments so far,add yours

Thanks for comments