तुम बिन अब कुछ अच्छा नहीं लगता
सच कहूँ तो कुछ साचा नहीं लगता
तुम्हारे ख्याल से दिल खुश हो जाता है
पर हकीकत देखकर चुप हो जाता है
दिल मै बहुत सारे अरमान है किस से कहू
तुम्हारे बिन अब कैसे रहूँ
दूर जाकर तुम भी खुश नहीं हो
पर जिद्दी हो मानती नहीं हो
तुम चुप अच्छी नहीं लगती हो
खोलो अपना मुह और सब को चुप कर दो
खुद भी पागल हो जाओ
और मुझको भी पागल कर दो
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abhishek

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