द्वार पर नव वर्ष है - नव वर्ष है
सपने जो देखे हमने कितने
पूरे हुए कितने रह गए ,
रह गए उनमे नयी जान भरो ,
उठो शान से और आगे बढो़
द्वार पर नव वर्ष है नव वर्ष है
जो पाया उस पर हर्ष है
हार कर बैठना मुझको नहीं आया ,
यूं रूठकर सताना मुझको नहीं आया ,
रूठे जो है उनको मनाने का प्रयास करो,
पर जो भी करो दिल से करो ,
द्वार पर नव वर्ष है नव वर्ष है
क्या खोया इस पर विचार विमर्श है
यही दुआ करता हूँ उस रब से अब,
जीवन मे खुशियो का संचार हो अब,
ना आवे आपने पग मे कोई बाधा ,
जीवन भर हरा भरा परिवार हो ,
द्वार पर नव वर्ष है नव वर्ष है
नित नूतन उत्कर्ष है
अभिषेक भटनागर
https://www.facebook.com/abhishek2411
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